RULES OF SUCCESS सफलता पाने के लिए क्या करे

SUCCESS




जीवन में सफल कैसे हो ?

यह सवाल दुनिया के लगभग हर उस आदमी के दिमाग में आता है जिसके जीवन में संघर्ष हो, तो चलिए जानते है सफलता के पांच नियम, दुनिया में ऐसा कोई होगा जिसे सफलता नहीं चाहिए या जो सक्सेस होना न चाहता हो। लेकिन बोहोत से लोग सोचते है की सक्सेस पाने के लिए किस्मत भी अच्छी होनी चाहिए, कुछ लोग सोचते है की सक्सेस हार्डवर्क से मिलती है तो ये दोनो बात लगभग गलत है, क्युकी मैं आपको वो पांच बाते बताने जा रहा हु जो सभी सक्सेसफुल लोगो में सामान्य है। उसे जानने से पहले ये बात ध्यान में रखे की सक्सेस पाने से ज्यादा सक्सेस को मेंटेन करना जरूरी है,

आपने देखा होगा होगा बोहोत से ऐसे लोग है जिन्हे बोहोत जल्दी बल्कि रातों रात सक्सेस मिल जाती है सोशल मीडिया के जरिए, कोई भी क्विज़ कंपीडिशन जीतकर या और भी बोहोत से ऐसे तरीके से जिनके बारे में बात करना अभी सही नही होगा, ये बिल्कुल ऐसा ही है जैसे एक हवाई जहाज बोहोत जल्दी ऊंचाई पे तो जाता है लेकिन उतनी ही जल्दी उसे नीचे भी आना पड़ता है, वहीं एक ऊंची इमारत को बनाने में भले ही ज्यादा टाइम लगता हो लेकिन वो आपको और आपकी आने वाली पीढ़ियों को भी ऊंचाई पर रखेगा, तो आपको ध्यान देना है की कही आप अपनी सक्सेस के लिए हवाई जहाज तो तैयार नहीं कर रहे जो आपको जल्दी ऊंचाई पर तो ले जाए लेकिन स्थिर न हो, क्युकी आपको एक ऐसा बिजनेस मॉडल या प्रोसेस बनाने की जरूरत है, जिसमे टाइम तो लगेगा लेकिन वो ऊंचाई पर लंबे समय तक स्थित रहेगा।


एग्जांपल के लिए हम यूट्यूब को ही ले लेते है, यूट्यूब एक ऐसा प्लेटफार्म है, जहां लोग उसपे वीडियो डालते है और वही देखते भी है, ऐसा ही फेसबुक के साथ भी है, फेसबुक का भी अपना कोई कंटेंट नहीं है, वहा भी लोग ही कंटेंट डालते है और देखते भी है।

अब क्या आपमें से कोई भी ये सोच सकता है की भविष्य में भी इन दोनो एप्स को कुछ हो सकता है, तो जवाब होगा बिल्कुल नहीं, क्युकी इन्होंने एक प्रोसेस बना दिया है अब अगर ये कुछ नहीं भी करते है तो भी इनको इनकम मिलती रहेगी, इसे ही एक बिल्डिंग बिजनेस कह सकते है।

सफलता के नियम Rules of sucess

तो अब हम जानेंगे की वो कौन सी पांच बाते है जो सभी सक्सेसफुल लोगो में कॉमन है।

इसमें सबसे पहले आता है जोकि हर सक्सेसफुल इंसान करता है वो है लक्ष्य निर्धारित करना की वो क्या करना चाहते है और कितने समय में करना चाहते है। इसके बाद आता है जल्दी अपने प्लान पर काम करना, सक्सेसफुल लोग अपने लक्ष्य को पाने के लिए अपने प्लान पर रिसर्च करते है, भले ही लोग उनके इस एक्शन को गलत कहे लेकिन वो एक बेहतर प्लान बनाते है, उन्हे अपने प्लान पर पूरा भरोसा होता है वो जब भी अपना काम शुरू कर लेते है तो किसी भी परिस्थिति में रुकते नहीं है। तीसरे नंबर पे आता है, आशावादी। सक्सेसफुल लोग आशावादी होते है जैसे बोहोत से लोग जो एक गिलास के आधे खाली हिस्से को देखते है वही सक्सेसफुल लोग आधे भरे हुए हिस्से को देखते है वो अपने लक्ष्य पर भरोसा रखते है, हमेसा सकारात्मक रहे। इसके बाद आता है एक्शन लेना, सक्सेसफुल लोग अपने प्लान पर रिसर्च करने के बाद जल्दी एक्शन लेते है और अपने प्लान को एक्जिक्यूट करते है, वो बाकी लोगो की तरह अच्छे समय का इंतजार नहीं करते। चौथे नंबर पर आता है दृढ़ होना, जैसे एक युद्ध के समय पहली गोली चलाने के बाद युद्ध की सारी योजनाएं आंदोलन से बाहर हो जाती है, उसी प्रकार लक्ष्य प्राप्त करने में कई प्रकार की रूकावटे आ सकती है लेकिन आपको अपना प्लान चेंज करना है लक्ष्य नहीं, आप अपने लक्ष्य पर दृढ़ रहे। उसके बाद आती है आपकी सोच क्युकी हम जो चीज ज्यादा सोचते है चीजे भी उसी प्रकार होने लगती है, एग्जांपल के लिए अगर आप हमेशा एक घर खरीदने का सोचते है तो इस बात की निनानवे प्रतिशत संभावना है की आप घर ले लेंगे, इसे ही लॉ ऑफ़ अट्रैक्शन कहा जाता है। यही वो पांच बिंदु है जिनपे काम करके आप भी सक्सेसफुल हो सकते है।

लॉ ऑफ़ अट्रैक्शन Law of Attraction

लॉ ऑफ़ अट्रैक्शन को समझने के लिए एक रीयल एग्जांपल से समझते है एक बार किसी कोर्ट के जज को एक कैदी जिसने कत्ल किया था उसे मौत की सजा सुनानी थी उसी समय एक एक्सपेरिमेंट भी किया जाना था तो जज ने कैदी को सजा सुनाई की तुम्हे एक जहरीले सांप से कटवाया जायेगा जिससे तुम मर जाओगे। सजा देते समय इस कैदी के आंखो पर पट्टी बंधी गई और उसे एक अंधेरे कमरे में छोड़ दिया गया, अंधेरे में उसे एक साधारण सी लोहे की पीन चुभाई गई, सुबह जब कमरा खोला गया तो सबने पाया की वो मर गया है, जब पोस्टमार्टम की रिपोर्ट आई तो पता चला की कैदी ने सिर्फ सोच लिया था की उसे एक जहरीले सांप ले कटा है सिर्फ इसी कारण उसके दिमाग ने एक जहर रिलीज किया और उसकी मौत हो गई। यह एक्सपेरिमेंट काल्पनिक नही है असल में ऐसा हुआ है।

दरअसल इंसान के दिमाग में कितनी ताकत है इसका अंदाजा इस दुनिया में कोई भी नही लगा पाया है, बस जरूरत है तो बस आपको इस पर भरोसा करने की।

सोचने या अधिक सोचने के बीच अंतर DIFFERENTIATE BETWEEN THINKING OR OVER THINKING

थिंकिंग और ओवरथिंकिग में अंतर समझना भी बोहोत जरूरी है अगर आप किसी प्लान को सोचते है रिसर्च करते है और एक्जिक्यूट करते है तो ये थिंकिंग मानी जायेगी, पर यदि आप कोई प्लान सोचते है फिर उसके बारे में सिर्फ पॉजिटिव या नेगेटिव सोचते ही रहते है कोई एक्शन नहीं लेते तो न इसे ही ओवर थिंकिंग कहा जाता है। दुनिया में बोहोत से लोगो के दिमाग में हमेशा क्रिएटिव आईडिया आते रहते है पर सिर्फ आईडिया ही जरूरी नहीं है उसे लागू करना उसपे काम करना जरूरी है, एक आईडिया तब तक कुछ नहीं है जब तक आप उसपर काम नहीं करते। उदाहरण के लिए, ओला, उबर, फेसबुक, व्हाट्सएप, यूट्यूब, और यहां तक की गूगल ये सभी किसी समय पर सिर्फ एक आईडिया थे। अगर इन पर काम न किया जाता तो आज ये सभी इस दुनिया में न होते। क्या आपके पास भी एक रेवोल्यूशनरी आईडिया है जो इस दुनिया को कुछ दे सकता है,और आपको सक्सेसफुल बना सकता है, यदि हां तो आप बिना दुनिया की परवाह किए उसपर काम करना सुरु कर दीजिए।

ब्लॉग में अंत तक बने रहने के लिए धन्यवाद आशा करता हु आपको ये समरी संद आई होगी और भी इंटरेस्टिंग जानकारी पाने के लिए आप ऐप को डाउनलोड कर सकते है Click here to download apk जोकि एक डिजिटल लायब्रेरी के रूप में आपके साथ हमेशा रहेगा जिससे आगे आने वाली विडियोज की जानकारी भी आपको मिलती रहे।

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